❤️श्री श्यामा श्याम❤️

 
❤️श्री श्यामा श्याम❤️
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प्यारी जू जब जब देखौं तेरो मुख तब तब नयों नयों लागत ऐसे भ्रम होत मैं कहूँ देखि न री दुति कौं दुति लेखनी न कागत... कोटि चन्द्र तैं कहाँ दुराये री नये नये रागत श्री हरि दास के स्वामी स्याम कहत काम की सांति न होई न होई तृप्ति रहौं निसी दिन जागत -केलिमाल,स्वामी हरिदास दिव्य युगल एक खूबसूरत सिंहासन पर बैठकर एक-दूसरे के साथ हास परिहास कर रहे हैं। श्रीकृष्ण राधा रानी को कहते हैं कि हर बार जब मैं आपको देखता हूं, मुझे लगता है कि मैंने आपको पहली बार देख रहा हूं। आपका चेहरा नित्य नया और ताज़ा दिखता है। मुझे हमेशा संदेह है कि मैंने आपको पहले कभी देखा है या नहीं। आपकी सुंदरता इस ब्रह्मांड में कहीं नहीं देखि, जो अविकसित है और किसी भी व्यक्ति या रसिक द्वारा लिखी नहीं जा सकती है। स्वामी श्री हरिदास जी कहते हैं ओह मेरे प्रिय श्यामा श्याम जितना अधिक मैं आपके चेहरों को देखता हूं एवं याद करता हूँ, उतना ही मैं और अधिक देखना चाहता हूं। मुझे संतुष्टि नहीं मिल रही है, और इसलिए हर समय आपका ध्यान चाहता है! The divine couple is seated on a beautiful throne chatting and joking with each other. Shri Krishna tells Radha Rani, Every time I see you, I feel I am seeing you for the first time. Your face always looks new and refreshing to me. I always have doubts whether I have seen you before or not. Your beauty is out of the universe which is indescribable and can not be written by any one. Swami Shri Haridas ji says Oh my dear Shyama Shyam the more I look at your faces and remember pastimes, the more I want to go on seeing. I am not getting satisfaction, and hence wants to remain awake all the time !
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shwetashweta
アップした人: shwetashweta

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